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Showing posts from February, 2016

पढ़े : फिर जाग गया जिन्न

पढ़े : सत्ता की लत

आरक्षण........समस्या और समाधान !!

सविंधान संशोधन जरूरी है

14 फ़रवरी...ये कैसा प्रेम ??

देशद्रोह नहीं तो और क्या माने ?हाल ही में JNU दिल्ली में कुछ छात्रों ने हंगामा किया। ये हंगामा मकबूल बट्ट और अफज़ल गुरु की बरसी पर किया गया और दोनों को शहीद की तरह महिमा मण्डित करने की कोशिश की गयी। इतना ही नहीं कश्मीर और केरल की आज़ादी के नारों के साथ पाकिस्तान ज़िंदाबाद के भी नारे लगाये। अब इतना कुछ हो जाये तो ऐसे लोगों की निश्चित ही गिरफ्तारी होनी चाहिए और देशद्रोह का मुकदमा भी चलना चाहिए..... तो गृह मंत्रालय और दिल्ली पुलिस ने कारवाही करते हुए धड़पकड़ शुरू कर दी लेकिन अधिकतर फरार हो गए तो एक व्यक्ति कन्हैया कुमार जो छात्र संघ का अध्यक्ष भी है, को गिरफ्तार कर लिया गया। अब देश में बैठे तथाकथित सेकुलरों को मिर्च लगनी लाज़मी थी.....इन्होंने ऐसी शर्मनाक घटना की निंदा करना तो दूर, उल्टा मोदी सरकार को ही कोसना शुरू कर दिया। : मेरा सवाल इन तथाकथित सेकुलरों के साथ साथ इनके समर्थकों से भी है और देश की तमाम जनता से भी है कि....... क्या इन छात्रों द्वारा किया गया हंगामा सही था ? क्या केंद्र सरकार और दिल्ली पुलिस की कारवाही सही नहीं थी ? : इन तमाम नेताओं के बयान तो आपत्तिजनक हैं लेकिन राहुल गाँधी से कुछ सवाल कि...... इस कारवाही में abvp, rss, bjp की धौंस की क्या बात हुई ?????? हर मुद्दे पर ऐसी गन्दी राजनीति...... ये हिंदुस्तान का दुर्भाग्य नहीं तो और क्या है......... तो फिर ये आस्तीन के साँप कैसे फुफकार नहीं मरेंगे........ वो भी ऐसे में........ जब मकबूल बट्ट को 11 फ़रवरी 1984 में फाँसी दी गयी तो सरकार भी कांग्रेस की थी और राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह जी भी कांग्रेस सरकार के पूर्व गृहमंत्री ही थे और.. जब मो. अफज़ल को 9 फ़रवरी 2013 को फाँसी दी गयी तो भी सरकार कांग्रेस की ही थी और फाँसी पर अंतिम मोहर लगाने वाले राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी जी भी कांग्रेस के पूर्व वित्त मंत्री ही थे। बहुत सही निर्णय था आतंकी को सजा-ए-मौत का...... मुझे ही नहीं, हर हिंदुस्तानी को गर्व था अपनी न्याय प्रणाली पर... : लेकिन इतने साल कुछ हंगामा नहीं....... कोई आज़ादी नहीं चाहिए थी........ अब ही ऐसा क्या हुआ कि ये छात्र तत्कालीन सरकार को गालियां ना निकाल कर मोदी सरकार के खिलाफ नारे बाज़ी पर उतारू हो गए..... और फिर इन्ही लोगों के कन्धों पर बन्दूक रख कर सभी तथाकथित सेकुलर लगे मोदी सरकार पर गोलियाँ दागने..... इनका मकसद देशप्रेम, देशद्रोह, हिन्दू ,मुस्लिम, स्वर्ण, दलित किसी से कुछ नहीं लेना है.... बस सत्ता के लालच में हर मुद्दे पर मोदी का विरोध करना ही है..... सत्ता की बेदखली से राहुल गाँधी तो इस कदर बोखला गए कि अपने पुरखों द्वारा किये गए कुछ एक अच्छे कार्यो को गलत ठहराने वालों के सुर में सुर मिलाने लगे। जयहिंद !! वन्देमातरम् !! ‪#‎देबू_काका‬

JNU पर मौन !! सच क्या है ?

सावधान !! ........ एक और केजरीवाल !!!

बस..... अब और नहीं !!