पढ़े : फिर जाग गया जिन्न


फिर " जागने लगा है जिन्न " अवार्ड वापसी का.......
क्योँकि चुनाव आने वाले हैं.......
अब jnu के पूर्व प्रोफेसर चमनलाल ने अवार्ड वापसी की घोषणा की है, प्रोफेसर का कहना है कि देश द्रोही नारे लगे ही नहीं थे।
ये भाजपा की चाल है जो नेहरू और गाँधी से नफरत करती है और नेहरू की सोच को खत्म करना चाहती है और jnu को बन्द करना चाहती है।
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प्रोफेसर साब कांग्रेस की गुलाम मानसिकता से निकलने की कोशिश करीये, jnu में भारत के टुकड़े करने के नारे लगे थे और jnu के ही कुछ छात्रों ने नारे लगाये थे और केवल उन्हीं पर केंद्र सरकार और दिल्ली पुलिस कारवाही कर रही है, ना कि jnu के सभी छात्रों पर.....
प्रोफेसर साब इतना बताना चाहता हूँ कि jnu को बन्द करने की भी सरकार की कोई मंशा नहीं है
इस मामले में कानून अपना काम कर रहा है और छात्रों व शिक्षकों को भी सहयोग करना चाहिए
कानून अपने आप कर देगा " दूध का दूध और पानी का पानी "........डरने की क्या जरूरत है प्रोफेसर साब ??
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हाँ एक बात और यदि खुले आम विश्विद्यालय परिसर में भारत के टुकड़े करना, अफज़ल जिसे खुद कांग्रेस ने आतंकी मान कर फाँसी दी उसे शहीद बताना, देश की न्यायपालिका को गाली देना, हमारे वीर सैनिकों की शहादत को धिक्कारना और हिंदुस्तान की सभ्यता और संस्कृति से खिलवाड़ करना ही नेहरू की सोच थी तो निश्चित ही ऐसी सोच को खत्म देना चाहिए......
मैडम सोनिया का बाटला पर आँसू बहाना, ज्योतिरादित्य का अफज़ल को गिरफ्तार करने के लिए कहना ( शायद वो अनजान है कि अफज़ल को फाँसी हो चुकी ), पी. चिदम्बरम् और शशि थरूर का अफज़ल की फाँसी को ही गलत ठहराना, तिरंगा फहराने में शर्म संकोच होना......और ऐसे सभी मुद्दे जिस से देश की सम्प्रभुता पर खतरा हो, वोट बैंक की खातिर उनके समर्थन में उतर जाना........ये नेहरू की सोच थी तो हिंदुस्तान के लिए घातक ऐसी सोच समूल नष्ट करना ही हिंदुस्तान के लिए श्रेयस्कर होगा।
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आज देखो उन विधवाओं और बच्चों के दिल का दर्द, जिन्होंने अपने पति अपने पिता खो दिए...लेकिन फिर भी गर्व से सर ऊँचा कर कह रहे हैं देश के लिए बेटे बेटियों को सेना में भर्ती करेंगे....
देखो ऐसे माता पिता को.....जिन का इकलौता जवान बेटा देश पर कुरबान हो जाता है और फिर भी उन का सीना गर्व से चौड़ा हो जाता है....
नहीं टूटते ऐसे महान लोगों के दिल......मगर तब टूट जाते है जब प्रोफेसर तुम जैसे लोग उन शहीदों को गाली देने वालों की पैरवी करने लग जाते हैं....
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अरे देशभक्तों के परिवारों के ज़ख्म पर मरहम नहीं लगा सकते तो कोई बात नहीं.....मत लगाओ
लेकिन उन के ज़ख्मों पर अपनी ऐसी ओछी हरकतों से नमक तो मत छिड़को !!
जयहिंद !!
वन्देमातरम् !!
‪#‎आज़ाद_भारत_का_आज़ाद_नागरिक_अभिव्यक्ति_की_आज़ादी‬
‪#‎देबू_काका‬

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