आरक्षण........समस्या और समाधान !!
आज फिर देश का एक राज्य हरियाणा जल रहा है....
वजह जाट आरक्षण.......
मैं कुछ भी लिखने से पहले यह साफ़ कर देना चाहता हूँ कि मैं ना तो आरक्षण के खिलाफ हूँ और ना ही आरक्षण की पैरवी कर रहा हूँ..
जब आरक्षण दिया गया तो
किसे और क्यों और कब तक दिया गया ?
क्या आज भी वही परिस्थितियां हैं ?
जिन्हें भी आरक्षण दिया गया उन्हें कितना लाभ मिला ?
:
आज फिर से आरक्षण की समीक्षा का वक्त आ गया है....
आज एक नई व्यवस्था यानि " आदर्श आरक्षण " की जरूरत है समाज को...
:
लेकिन उन सब के लिए सभी समाज के प्रतिनिधियों को मिल बैठ कर ही बात करनी होगी...
कोई बेहतर विकल्प खोजना होगा
यूँ दंगा फसाद कर, रेल बस को तोड़ फोड़ कर आग लगा कर समस्या का समाधान हो ही नहीं सकता
ये सभी सम्पति ना तो किसी नेता के पैसो से बनी और ना ही किसी राजनीतिक दल की धरोहर हैं
ये सब जनता के पैसो से जनता के लिए ही बनाई गयी हैं
कल फिर से इसे हमे ही खड़ा करना पड़ेगा......
तो फिर हमें ही कुछ सोचना और करना है....
:
मान लिया कि ऐसा करने से किसी समुदाय को आरक्षण मिल भी गया तो फिर कोई दूसरा समुदाय खड़ा हो जायेगा, फिर तीसरा, चौथा.......लगातार चलता ही रहेगा ये सिलसिला
असंख्य जाति समुदाय हैं हमारे हिंदुस्तान में.......
लेकिन हर जाति समुदाय में सभी लोगों को आरक्षण की जरूरत है, ऐसा भी नहीं है.....
बहुत से दलित जो डॉक्टर, इंजीनियर, प्रशासनिक अधिकारी या व्यवसायी, जो आर्थिक रूप से बेहद सम्पन्न हैं........उन्हें कैसे आरक्षण की जरूरत ?
ऐसे दंगो में जो मर गए......उन्हें क्या मिला ?
:
आज आरक्षण हथियार बन गया है राजनितिक दलों का..........
और....आप और हम....
कठपुतलियां बनते जा रहे हैं ऐसे नेताओं के.....
मैं पूछता हूँ टीवी पर उल्टे सीधे बयान देने वाले किसी भी दल के कितने नेताओ ने लाठी गोली खाई ?
:
कोई नहीं याद आता ना.....
ये सब फायदा उठा लेते हैं आम जनता को मौत के मुँह में धकेल कर....
:
तो आइये दोस्तों हम एकजुट हो जाएँ
जिन्हें वास्तव में जरूरत है....उन्हें मिलना ही चाहिए
और आरक्षण का स्तर कैसा हो, ये भी निर्धारित होना चाहिए....
:
जहाँ तक मेरा निजी सुझाव है " आदर्श आरक्षण " ऐसा हो सकता है
* आरक्षण अपनी सीमाओं में ही रहे, जैसे कोई आरक्षित वर्ग का व्यक्ति कितने भी अंक लाये, वो रहेगा आरक्षित श्रेणी में ही, सामान्य वर्ग की निधारित सीटों पर उस का कोई हक नहीं होगा।
* आरक्षित वर्ग को स्कूल ड्रेस, किताबे, आना जाना, स्कूल फ़ीस आदि सब कुछ मुफ़्त मिलना चाहिए।
* किसी भी प्रतियोगी परीक्षा में आरक्षित वर्ग का वही व्यक्ति चयनित होगा, जो अपने वर्ग में मेरिट में आएगा और कम से कम passing marks होने चाहिए।
यदि ऐसा नहीं होता और कुछ सीट खाली रह जाती हैं तो वह अगली भर्ती में जुड़ जाएँगी, अधिकतम तीन साल (भर्ती ) तक।
* आरक्षण का लाभ एक बार ही मिलना चाहिए, जैसे किसी ने एक प्रतियोगी परीक्षा में ये लाभ लिया और उस का चयन भी हो गया तो वह अब किसी भी अन्य भर्ती में और प्रमोशन में आरक्षण का लाभ नहीं ले सकेगा।
* आरक्षण जातिगत ना हो कर आर्थिक होना चाहिए, चाहे वो किसी भी जाति, समुदाय का हो, यदि किसी भी परिवार की वार्षिक आय ( जिसमें पति, पत्नी व् अविवाहित बच्चे की आय सम्मिलित हो ) रु दो लाख ( या जो भी सरकार तय करे ) वह आरक्षण का हकदार होगा। आय निर्धारण समय समय पर होगा।
* आरक्षण 50% ही रहे। इस में 30% ग्रामीण और 20% शहरी जनता हो। दोनों वर्ग की भी अलग अलग मेरिट निर्धारित होगी तथा ये निर्धारण वयक्ति के मूल निवास और शैक्षणिक संस्थान जिन में वह अध्ययनरत रहा, की स्थिति पर निर्भर करेगा।
* जहाँ तक हो सके आरक्षण का लाभ केवल सरकारी संस्थानों में शिक्षा ग्रहण किये हुए व्यक्ति को मिलना चाहिए।
धन्यवाद !!
जयहिंद !!
#देबू_काका
( दोस्तों....ये मेरे निजी विचार हैं, अगर आप को अच्छे लगे और आप सहमत हैं तो शेयर अवश्य करें और साथ ही अपने सुझाव भी लिखें )
Comments
Post a Comment