नाकाम चेहरे पर EVM के आँसू....
हार्दिक पटेल सहित काँग्रेसी जो कह रहे हैं कि शनिवार रविवार को सारी EVM हैक की जाएँगी...
हँसी आती है इन के दिमागी दिवालिये पन पर....
बन्द कमरों में सीलबंद EVM बिना किसी कनेक्टिविटी के हैक हो जाएंगी ??
चाहे तो सभी विपक्षी दल अपने निजी लोगों द्वारा भी तो निगरानी करवा सकते हैं !!
अब दूसरा सवाल कि यदि गुजराज की भाजपा सरकार ऐसा कर सकती है तो हिमाचल की काँग्रेस सरकार कैसे हार जायेगी ?,
वो भी तो ऐसा कर सकती है और अगर EVM को केंद्र का क्षेत्राधिकार माने तो चलो भाजपा ने यूपी जीत लिया, गुजरात, हिमाचल भी जीतेंगे लेकिन 2014 में केंद्र में काँग्रेस नीत सरकार होने के बावजूद काँग्रेस की बुरी हार कैसे हुई ??
हो सकता है, इतनी सारी EVM में से किसी एक-दो में तकनीकी खराबी आई हो तो तमाम EVM पर सवालिया निशान लगाना मूर्खता ही होगा। किसी एक कार या टीवी में गड़बड़ी होने से तमाम कम्पनियाँ को कार टीवी का उत्पादन ही बन्द कर देना चाहिए क्या ?
2014 में काँग्रेस की हार का मुख्य कारण बेतहाशा घोटाले थे जो कि गुजरात में भाजपा की हार का कारण तो कम से कम नहीं हो सकत हैं।
यदि गुजरात में भाजपा की हार का एक प्रतिशत भी चाँस है अथवा भाजपा की करीबी जीत भी होती है तो वो है पाटीदारों का भाजपा से दूर होना...
क्योंकि ये समाज पूर्णतया सदैव भाजपा का ही वोटबैंक रहा है और इस वोटबैंक में पढ़े लिखे पटेलों का कोई डर नहीं है क्योंकि वो मौजूदा हालात को समझ सकते हैं लेकिन निचले तबके के लोग जो हार्दीक की रैलियों के हिस्सा रहे, वो कुछ हद तक बाज़ी पलट सकते हैं।
ऐसा होने पर भी मैं व्यक्तिगत तौर पर भाजपा की हार नहीं मान सकता। हाँ जहाँ तक मेरा अनुमान है ऐसी स्थिति में भाजपा 95 -100 सीट के साथ सरकार बनायेगी और यदि पटेल फैक्टर काँग्रेस की तरफ नहीं झुका तो भाजपा की 145+ सीट के साथ प्रचण्ड जीत को कोई नहीं रोक सकता।
जयहिन्द !!
दिनेश भंडुला
Comments
Post a Comment