आखिर क्या है महंगाई की सच्चाई ?
कल राहुल गाँधी ने प्रधानमंत्री मोदी जी पर अपने सवालों से हमला करने के क्रम में एक वार के रूप में ट्वीट किया।
इस ट्वीट में राहुल गाँधी हमेशा की तरह एक बार फिर खुद अपनी जग हसाई करवा बैठा।
इस ट्वीट में जो प्रतिशतता दिखाई गयी, उस से जनता को एक बार पुनः राहुल के बौद्धिक दिवालियेपन का एहसास हो गया। राहुल गाँधी गणितीय ज्ञान में गच्चा खा गया।
खैर गलती का एहसास होने पर ट्वीट को डिलीट कर पुनः एक नया ट्वीट किया गया, जिसमे आंकड़े वही थे मगर प्रतिशतता की जगह रुपये के संख्यात्मक अंतर से महंगाई को दर्शाया गया।
आइये जरा इन आकड़ो की भी समीक्षा की जाये।
जैसा कि एक दुकानदार होने के नाते मेरे पास जो लिखित रिकॉर्ड है, उस के अनुसार अगस्त 2010 में LPG सिलेंडर ₹ 351(सब्सिडी वाला) का था जो मार्च 2014 में ₹ 396 का हुआ और मार्च 2017 में ₹ 459 का था, राहुल का ट्वीट ये नहीं साफ कर पाया कि कौन सा LPG सिलेंडर और कौन सी दाल....??
खैर मुख्य रूप से जिस दाल पर ज्यादा बवाल मचता रहा यानि अरहर ( तुहर) और मूँग दाल की बात करें तो ना तो ये दालें 2014 में ₹ 45 किलो थी और ना ही अब ₹ 80 किलो। 2012 में भी ये दालें लगभग ₹65-70 किलो पर बिकी थी और आज भी इसी दाम पर बिक रही हैं। बिहार चुनाव के समय थोड़े समय के लिए बेतहाशा बढ़ी कीमतें अब जमीन पर हैं। ऐसी बढ़ोतरी काँग्रेस के शासन के समय भी रही थी।
टमाटर हमारे शहर में आज सब्जीमंडी में ₹100 नहीं, ₹50 प्रति किलो बिक रहा है, वो भी तब जबकि बाजार में शादी के सीजन की तेजी है, नहीं तो यही टमाटर 20-25 होता।
2011 में चीनी ₹34 थी, जो अप्रेल 2012 में ₹39 हो गयी थी और आज ₹40 ही बिक रही है।
दूध की बात करें तो पिछले 3-4 माह से ₹35-36 लीटर बिक रहा दूध आज दिसम्बर 2017 में ₹30-32 प्रति लीटर है।
ऊपर से कभी ₹295 प्रति माह में 1GB डाटा प्लान को सम्भाल कर चलाने वाले और ₹200 प्रति माह कॉलिंग पर खर्च करने वालो ने ₹459 में 84 दिन तक रोज 1GB खर्च करने के लिए अपने मोबाईल को गधा बना रखा है और कॉलिंग का मजा अलग से....
लेकिन फिर भी वही अम्बानी मोदी का एजेंन्ट कहलाता है।
आखिर कोई बतायेगा कि कहाँ है महंगाई ?
( वस्तुओं के ये दाम मेरे अपने शहर बीकानेर के भाव पर आधारित हैं )
जयहिन्द !!
वन्देमातरम !!
दिनेश भंडुला
इस ट्वीट में राहुल गाँधी हमेशा की तरह एक बार फिर खुद अपनी जग हसाई करवा बैठा।
इस ट्वीट में जो प्रतिशतता दिखाई गयी, उस से जनता को एक बार पुनः राहुल के बौद्धिक दिवालियेपन का एहसास हो गया। राहुल गाँधी गणितीय ज्ञान में गच्चा खा गया।
खैर गलती का एहसास होने पर ट्वीट को डिलीट कर पुनः एक नया ट्वीट किया गया, जिसमे आंकड़े वही थे मगर प्रतिशतता की जगह रुपये के संख्यात्मक अंतर से महंगाई को दर्शाया गया।
आइये जरा इन आकड़ो की भी समीक्षा की जाये।
जैसा कि एक दुकानदार होने के नाते मेरे पास जो लिखित रिकॉर्ड है, उस के अनुसार अगस्त 2010 में LPG सिलेंडर ₹ 351(सब्सिडी वाला) का था जो मार्च 2014 में ₹ 396 का हुआ और मार्च 2017 में ₹ 459 का था, राहुल का ट्वीट ये नहीं साफ कर पाया कि कौन सा LPG सिलेंडर और कौन सी दाल....??
खैर मुख्य रूप से जिस दाल पर ज्यादा बवाल मचता रहा यानि अरहर ( तुहर) और मूँग दाल की बात करें तो ना तो ये दालें 2014 में ₹ 45 किलो थी और ना ही अब ₹ 80 किलो। 2012 में भी ये दालें लगभग ₹65-70 किलो पर बिकी थी और आज भी इसी दाम पर बिक रही हैं। बिहार चुनाव के समय थोड़े समय के लिए बेतहाशा बढ़ी कीमतें अब जमीन पर हैं। ऐसी बढ़ोतरी काँग्रेस के शासन के समय भी रही थी।
टमाटर हमारे शहर में आज सब्जीमंडी में ₹100 नहीं, ₹50 प्रति किलो बिक रहा है, वो भी तब जबकि बाजार में शादी के सीजन की तेजी है, नहीं तो यही टमाटर 20-25 होता।
2011 में चीनी ₹34 थी, जो अप्रेल 2012 में ₹39 हो गयी थी और आज ₹40 ही बिक रही है।
दूध की बात करें तो पिछले 3-4 माह से ₹35-36 लीटर बिक रहा दूध आज दिसम्बर 2017 में ₹30-32 प्रति लीटर है।
ऊपर से कभी ₹295 प्रति माह में 1GB डाटा प्लान को सम्भाल कर चलाने वाले और ₹200 प्रति माह कॉलिंग पर खर्च करने वालो ने ₹459 में 84 दिन तक रोज 1GB खर्च करने के लिए अपने मोबाईल को गधा बना रखा है और कॉलिंग का मजा अलग से....
लेकिन फिर भी वही अम्बानी मोदी का एजेंन्ट कहलाता है।
आखिर कोई बतायेगा कि कहाँ है महंगाई ?
( वस्तुओं के ये दाम मेरे अपने शहर बीकानेर के भाव पर आधारित हैं )
जयहिन्द !!
वन्देमातरम !!
दिनेश भंडुला
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