हिमाचल प्रदेश के मुख्यमन्त्री होंगे श्री जयराम ठाकुर
गुजरात और हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव संपन्न हो गए और दोनों ही राज्यों में BJP को full majority मिल गई।
गुजरात में तो तय हो चुका है के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपानी जी ही पुनः सत्ता की बागडोर संभालेंगे और नितिन पटेल जी उप मुख्यमन्त्री होंगे। 26 दिसम्बर को शपथ ग्रहण कार्यकम होगा।
अब हिमाचल प्रदेश में 44 सीट की प्रचण्ड जीत के बावजूद मुख्यमन्त्री के चयन पर पेंच फँसा हुआ था। मुख्यमंत्री के चयन के लिए Defence Minister निर्मला सीतारमण जी के नेतृत्व में एक दल हिमाचल भेजा गया।
1998 से 2003 और 2007 से 2012 तक मुख्यमंत्री का पद संभाल चुके प्रेम कुमार धूमल जी इस बार चुनाव हार चुके हैं, साथ ही प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सतपाल सत्ती जी, पूर्व मंत्री रवि सिंह रवि, गुलाब सिंह ठाकुर, इंदू गोस्वामी और रणधीर शर्मा जैसे दिग्गज भी चुनाव हार गये तो इन सब के बीच अब हिमाचल से राज्यसभा सांसद और केंद्र सरकार में Health Minister जगत प्रकाश नड्डा जी ( J.P. Nadda ) एवं 1998, 2003, 2007, 2012 के बाद लगातार पाँचवी बार 2017 में विधायक चुने गए जय राम ठाकुर जी का नाम सबसे ऊपर है लेकिन हार जाने के बावजूद हिमाचल की राजनीति में अपनी पैठ रखने वाले धूमल जी की पुनः मुख्यमंत्री बनने की चाहत BJP के लिए सिरदर्द बनी हुई है। जे पी नड्डा जी एवं जयराम ठाकुर जी दोनों ही RSS पृष्ठभूमि से संबंध रखते हैं और जयराम ठाकुर BJP की छात्र संगठन ABVP के अध्यक्ष रह चुके हैं। 2009 से 2013 तक हिमाचल प्रदेश भाजपा अध्यक्ष भी रहे, सरकार में ग्रामीण विकास मंत्री पद पर भी रह चुके हैं, तो कायदे से भी जय राम ठाकुर जी को ही हिमाचल प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाया जाना उचित था लेकिन यदि प्रेम कुमार धूमल जी की जिद्द के आगे केंद्रीय नेतृत्व को झुकना पड़ता तो शायद राज्य स्तर पर भी और केंद्रीय स्तर पर भी BJP के सम्मान को नुकसान हो सकता था।
BJP के इस कदम से जहां एक ओर विरोधियों को परिवारवाद का ठीकरा फोड़ने का मौका मिल जाता, वहीं फिर से राज्यसभा और विधानसभा उपचुनाव झेलना पड़ता, क्योंकि ऐसी स्थिति में धूमल जी को पुनः चुनाव लड़ाने के लिए किसी एक विधायक को त्यागपत्र देना होता और धूमल जी को चुनाव जीतना होता और फिर जो परिणाम होता, धूमल जी का मुख्यमंत्री बनना उसी पर निर्भर करता। परिणाम कुछ भी हो सकता था, इस बात का केंद्रीय नेतृत्व को ध्यान रखना ही था क्योंकि इन विधानसभा चुनाव में बीजेपी के कई दिग्गजों को हार का मुंह देखना पड़ा है।
अभी यदि धूमल जी को राज्यसभा के जरिए केंद्रीय नेतृत्व में जे पी नड्डा जी के स्थान पर जगह दी जाए तो अभी ठीक नहीं होगा वैसे भी धूमल जी को चाहिए की सत्ता का मोह छोड़ें और अन्य लोगों के कंधों पर अपना विश्वास व्यक्त करें, बहुत राजनीति कर ली और धूमल जी का पुत्र अनुराग ठाकुर भी केंद्र की राजनीति में स्थापित हो चुका है।
खैर BJP के लिए और हिमाचल के लिए सुखद पहलू यह है कि अंततः श्री जयराम ठाकुर जी के नाम पर मुहर लग चुकी है और 27 दिसंबर को श्री जयराम ठाकुर जी हिमाचल के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे।
श्री जयराम ठाकुर जी, हिमाचल की जनता एवं BJP के नेतृत्व और कार्यकर्ताओं को बधाई देना चाहूंगा, साथ ही साथ ही इस बात के लिए शुभकामनाएं भी दूंगा की जय राम ठाकुर जी के नेतृत्व में भाजपा सरकार हिमाचल के विकास एवं जनता की खुशहाली के लिए काम करेगी।
जयहिन्द !!
वन्देमातरम !!
दिनेश भंडुला
गुजरात में तो तय हो चुका है के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपानी जी ही पुनः सत्ता की बागडोर संभालेंगे और नितिन पटेल जी उप मुख्यमन्त्री होंगे। 26 दिसम्बर को शपथ ग्रहण कार्यकम होगा।
अब हिमाचल प्रदेश में 44 सीट की प्रचण्ड जीत के बावजूद मुख्यमन्त्री के चयन पर पेंच फँसा हुआ था। मुख्यमंत्री के चयन के लिए Defence Minister निर्मला सीतारमण जी के नेतृत्व में एक दल हिमाचल भेजा गया।
1998 से 2003 और 2007 से 2012 तक मुख्यमंत्री का पद संभाल चुके प्रेम कुमार धूमल जी इस बार चुनाव हार चुके हैं, साथ ही प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सतपाल सत्ती जी, पूर्व मंत्री रवि सिंह रवि, गुलाब सिंह ठाकुर, इंदू गोस्वामी और रणधीर शर्मा जैसे दिग्गज भी चुनाव हार गये तो इन सब के बीच अब हिमाचल से राज्यसभा सांसद और केंद्र सरकार में Health Minister जगत प्रकाश नड्डा जी ( J.P. Nadda ) एवं 1998, 2003, 2007, 2012 के बाद लगातार पाँचवी बार 2017 में विधायक चुने गए जय राम ठाकुर जी का नाम सबसे ऊपर है लेकिन हार जाने के बावजूद हिमाचल की राजनीति में अपनी पैठ रखने वाले धूमल जी की पुनः मुख्यमंत्री बनने की चाहत BJP के लिए सिरदर्द बनी हुई है। जे पी नड्डा जी एवं जयराम ठाकुर जी दोनों ही RSS पृष्ठभूमि से संबंध रखते हैं और जयराम ठाकुर BJP की छात्र संगठन ABVP के अध्यक्ष रह चुके हैं। 2009 से 2013 तक हिमाचल प्रदेश भाजपा अध्यक्ष भी रहे, सरकार में ग्रामीण विकास मंत्री पद पर भी रह चुके हैं, तो कायदे से भी जय राम ठाकुर जी को ही हिमाचल प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाया जाना उचित था लेकिन यदि प्रेम कुमार धूमल जी की जिद्द के आगे केंद्रीय नेतृत्व को झुकना पड़ता तो शायद राज्य स्तर पर भी और केंद्रीय स्तर पर भी BJP के सम्मान को नुकसान हो सकता था।
BJP के इस कदम से जहां एक ओर विरोधियों को परिवारवाद का ठीकरा फोड़ने का मौका मिल जाता, वहीं फिर से राज्यसभा और विधानसभा उपचुनाव झेलना पड़ता, क्योंकि ऐसी स्थिति में धूमल जी को पुनः चुनाव लड़ाने के लिए किसी एक विधायक को त्यागपत्र देना होता और धूमल जी को चुनाव जीतना होता और फिर जो परिणाम होता, धूमल जी का मुख्यमंत्री बनना उसी पर निर्भर करता। परिणाम कुछ भी हो सकता था, इस बात का केंद्रीय नेतृत्व को ध्यान रखना ही था क्योंकि इन विधानसभा चुनाव में बीजेपी के कई दिग्गजों को हार का मुंह देखना पड़ा है।
अभी यदि धूमल जी को राज्यसभा के जरिए केंद्रीय नेतृत्व में जे पी नड्डा जी के स्थान पर जगह दी जाए तो अभी ठीक नहीं होगा वैसे भी धूमल जी को चाहिए की सत्ता का मोह छोड़ें और अन्य लोगों के कंधों पर अपना विश्वास व्यक्त करें, बहुत राजनीति कर ली और धूमल जी का पुत्र अनुराग ठाकुर भी केंद्र की राजनीति में स्थापित हो चुका है।
खैर BJP के लिए और हिमाचल के लिए सुखद पहलू यह है कि अंततः श्री जयराम ठाकुर जी के नाम पर मुहर लग चुकी है और 27 दिसंबर को श्री जयराम ठाकुर जी हिमाचल के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे।
श्री जयराम ठाकुर जी, हिमाचल की जनता एवं BJP के नेतृत्व और कार्यकर्ताओं को बधाई देना चाहूंगा, साथ ही साथ ही इस बात के लिए शुभकामनाएं भी दूंगा की जय राम ठाकुर जी के नेतृत्व में भाजपा सरकार हिमाचल के विकास एवं जनता की खुशहाली के लिए काम करेगी।
जयहिन्द !!
वन्देमातरम !!
दिनेश भंडुला