ये कैसा लचर कानून कि......


साँप को समय रहते ना कुचला जाये तो वो फिर से डसेगा ही.....
क्योंकि ये ही उस की फितरत है।
:
8 मार्च 2016 के अपने ब्लॉग में लिख चुका हूँ कि निवेदिता मेनन जैसे कुछ लोग आस्तीन के वो साँप हैं जो हिन्दुस्तान का लाखों रूपये का वेतन डकार जाते हैं लेकिन फिर भी हिन्दुस्तान के लिए मन में नफरत ही भरे रहते हैं।
हाल ही निवेदिता मेनन ने फिर से जहर उगला.....
निवेदिता ने क्या कहा था ?
सेमिनार में मौजूद लोगों के मुताबिक मेनन ने अपना परिचय 'देशविरोधी' के तौर पर दिया और अपने भाषण के दौरान देश का नक्शा उल्टा लटका दिया. प्रोफेसर मेनन का कहना था कि उनके विभाग में भी भारत का नक्शा इसी तरह लटका हुआ है. उन्होंने श्रोताओं से पूछा कि इस नक्शे में भारत माता कहां नजर आती है.
आरोप है कि मेनन ने सेना पर भी विवादित टिप्पणी की. उनका कहना था कि जवान सेना में सिर्फ रोजी-रोटी कमाने के लिए जाते हैं. जब श्रोताओं ने विरोध किया तो सेमिनार में टी ब्रेक घोषित करना पड़ा.
निवेदिता मेनन जैसे लोगों को साफ तौर पर कहना चाहूंगा कि उन के ना मानने से भारत माता की मर्यादा कम नहीं होगी और हाँ....सेना के जवानों के बारे में जो तुम्हारी राय है कि जवान रोटी कमाने के लिए सेना में जाता हैं, तो ये बताना चाहूँगा...
ये ठीक है कि जीने के लिए रोटी जरूरी है लेकिन रोटी के लिए कोई मरना नहीं चाहेगा।
देश की रक्षा के लिए जान देने वास्ते ज़िगर चाहिए।
तुम जैसे लोगों को खुली चुनौती है कि तुम एक महीना +50 डिग्री तापमान के रेतीले धोरों पर और एक महीना -50 डिग्री की हड्डियां गलाने वाली बर्फीली वादियों में रह कर बताओं, और ऊपर से किसी भी वक्त दुश्मन की गोली, ऐसी परिस्थिति में जरा रह कर दिखाओ तो सही....
खैर निवेदिता मेनन पर FIR दर्ज हो चुकी है, लेकिन माननीय न्यायालय से निवेदन है कि ऐसे लोगों पर कठोर कार्यवाही होनी चाहिए ताकि वो फिर से ऐसे करतूत का दुस्साह ना कर सकें।
जय हिन्द !!
वन्देमातरम !!
#देबू_काका

Comments