अजय गंगवार-हंगामा है क्यूँ बरपा......


आज मध्यप्रदेश में एक कलेक्टर साहब अजय गंगवार ने कुछ ऐसा कह दिया कि राज्य सरकार ने उनका तबादला कर दिया
बस फिर क्या था.....
बहुत से नेता लोग और मिडिया ने तो हंगामा बरपा दिया....
हुआ कुछ यूँ कि.....
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भाेपाल. मध्य प्रदेश के एक आईएएस को सोशल मीडिया पर नेहरू-गांधी फैमिली की तारीफ करना और उनके अचीवमेंट्स का बखान करना महंगा पड़ गया। राज्य सरकार ने गुरुवार देर शाम अजय गंगवार को बड़वानी कलेक्टर पद से हटाकर मंत्रालय में डिप्टी सेक्रेट्री बना दिया। बता दें कि गंगवार कांग्रेस लीडर दिग्विजय सिंह के करीबी माने जाते हैं। फेसबुक पर पूछा, क्या नेहरू ने यूनीवर्सिटी खोलकर गलती की?...
- अजय गंगवार ने मंगलवार को अपनी एक फेसबुक पोस्ट में लिखा-'जरा गलतियां बता दीजिए जो नेहरू को नहीं करनी चाहिए थी, तो अच्छा होता। यदि उन्होंने आप को 1947 में हिन्दू तालिबानी राष्ट्र बनने से रोका तो यह उनकी गलती थी।
- 'उन्होंने (नेहरू) IIT, ISRO, BARAC, IISB, IIM, BHEL STEEL PLANT, DAMS, THERMAL POWER लाए यह उनकी गलती थी/ आशाराम और रामदेव जैसे INTELLECTUAL की जगह SARABHAI, HOMI JAHANGEER को सम्म्मान और काम करने का मौका दिया यह उनकी गलती थी।'
- 'उन्होंने (नेहरू) देश में गोशाला और मंदिर की जगह university खोली यह भी घोर गलती थी/ उन्होंने आप को अंधविश्वासी की जगह एक SCIENTIFIC रास्ता दिखाया यह भी गलती थी।'
- 'इन सब गलतियोँ के लिए गांधी फैमिली को देश से माफी तो बनती है!'
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बिलकुल कलेक्टर साहब सही फ़रमाया आप ने....
क्या गलती थी नेहरू जी की.....
सन् 1947 से पहले अधिकांश लोग हमारे देश को हिंदुस्तान कह कर ही पुकारते थे लेकिन सत्ता की लालसा ने इस के टुकड़े करवा दिये और पूरब व पश्चिम में दो मुस्लिम राष्ट्र बनवा दिये, इतने से मन नहीं भरा तो काश्मीर का घाव देश के सीने में कर डाला।
जब दोनों और मुस्लिम राष्ट्र खड़े किये तो बाकी बची भूमि को हिंदुस्तान बनाने में क्या आपत्ति थी ?
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IIT, IIM, ISRO आदि आदि और यूनिवर्सिटी खोलना कोई गलती नहीं था लेकिन उन में एक ऐसी विचारधारा के बीज बोना गलती थी, जो आज उमर खालिद, अनिर्बान, कन्हैया जैसे कु"फल" के रूप में सामने हैं।
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साराभाई, होमी भाभा सरीखे " विज्ञानं को सम्मान " देना कोई गलती नहीं थी लेकिन आसाराम और रामदेव का नाम ले कर अप्रत्यक्ष रूप हिन्दू वेद, पुराण, धर्म कर्म, योग आदि का उपहास करना गलती है।
आसाराम की मैं पैरवी नहीं कर रहा और ये मामला माननीय न्यायालय में विचाराधीन है लेकिन ये साफ है कि इन पर अभी तक कोई आरोप साबित नहीं हुआ है।
हो सकता है जैसे साध्वी प्रज्ञा ठाकुर, कर्नल प्रसाद पुरोहित, इशरत जहाँ जैसे सच झूठ का अदल बदल कर "भगवा आतंकवाद " की उत्तपति की गयी, वैसा ही कुछ निकल आये।
शायद ऐसी ही साजिश भरी सोच और मानसिक गुलामी के कारण जनाब ने " हिन्दू तालिबानी राष्ट्र " की संज्ञा दे डाली।
स्वामी रामदेव ने योग को समूचे विश्व में प्रचारित कर दिया और जन जन को बिना किसी लागत के स्वस्थ रहना सीखा दिया, ऐसे व्यक्ति का उपहास जनाब के मानसिक गुलामी को ही दर्शाता है।
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यूनिवर्सिटी की स्थापना कतई गलत नहीं होता लेकिन गौ वंश और मन्दिरो को ही ध्वस्त कर के.....क्यों ?
ज़मीन तो और बहुत है हमारे देश में.....फिर मस्जिदे और गिरजे क्यों नहीँ ढहा दिये आप की सोच ने ?
है कोई जवाब ??
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SCIENCE को अपनाना कोई गलत बात नहीं जनाब
लेकिन अन्धविश्वास के नाम पर ज्योतिष को कोसना गलत है जनाब
विज्ञान जो आज खोज रहा है उसे हिन्दू ग्रन्थों और ज्योतिष ने सदियो पहले दुनिया के सामने रख दिया था
लेकिन शायद....आप जैसे तथाकथित बुद्धिजीवी उसे सहेज कर ना रख सके।
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जनाब ये हिंदुस्तान किसी खानदान की बपौती नहीं
लोकतन्त्र हैं जनाब लोकतन्त्र.....
आज़ाद रहने वाले 1947 से पहले भी आज़ाद थे, आज भी आज़ाद ही हैं और सदा आज़ाद रहेंगे
लेकिन....
गुलाम कल भी गुलाम थे, आज भी हैं और कल भी रहेंगे
सौ रूपये में अपना ज़मीर बेच कर गुलामी की ही कसमें खायेंगे।
जयहिंद !!

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