हर एक रावण को मरना ही होगा


ना जाने क्या क्या हुआ
पिछले कुछ बरसों में
कदम कदम पर घपले घोटाले
यहाँ वहाँ जहाँ भी देखो
एक नया घोटाला सामने आया
तब भी
और
अब भी......
जो कुछ भी सामने आ रहा है
उस में वही पुराने नाम
:
तत्कालीन सत्तासीनों ने देश की अर्थव्यवस्था को
इस कदर खोखला कर के रख दिया
दीमक की तरह.....
कि खोखला महल कभी भी ढह सकता है
शासक चूसते रहे और जनता पिलती रही
खैर....
जनता ने जवाब दिया और 44 पर समेट दिया
लेकिन आज भी " रस्सी जल गयी लेकिन बंट नहीं गये "
जब भी कोई घोटाला सामने आता है
तो कहीं ना कहीं कांग्रेस और उस से सम्बंधित व्यक्ति का नाम जरूर होता है
लेकिन
इन सब के ऊपर परदे के पीछे से आवाज़ आती है....
" मैं किसी से डरती नहीं हूँ......."
67 साल की सत्ता का नशा आज अहंकार में बदल गया है....
बिलकुल रावण की तरह....
मानो अमरत्व पा लिया हो....
मैं किसी से मरता नहीं....
यही अहंकार ही तो था ना रावण को....
जो उसे अंत की ओर ले गया
तो आप भी समझ लो
वक्त नहीं लगता किसी के फना होने में
:
अंत में...
"सीधे सच्चे इस भारत में
हर पापी को डरना होगा
श्री राम के इस देश में
हर रावण को मरना होगा
हर रावण को मरणा होगा "
#देबू_काका

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