देबू काका की कलम से
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आज दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने DDCA मामले में अदालत में अपना जवाब पेश किया।
गौरतलब है कि इस मामले में CM केजरीवाल ने केंद्रीय वित् मंत्री अरुण जेटली पर घोटाले के आरोप लगाये थे और उस की जवाबी कार्यवाही में FM जेटली जी ने मानहानि का मुकदमा दायर किया था।
CM केजरीवाल जी ने जवाब में 2000 पन्नों का पुलिंदा तथा दो CD अदालत में पेश की हैं। बतौर सबूत 2000 पन्नों का खुलासा तो जब होगा तब देखेंगे लेकिन जो बात मोटे तौर पर निकली कि " जेटली जी का कोई मान ही नहीं है तो हानि कैसी " केजरीवाल जी की दलील मेरी नजर में हास्यस्पद है।
केजरीवाल जी ने अपनी दलील में कहा कि जेटली जी 2014 का लोकसभा चुनाव अमृतसर सीट से लड़े थे और एक लाख से अधिक वोटों से हार गए थे, तो उनकी राष्ट्रिय सामाजिक छवि यानि मान नहीं है।
मैं यहाँ स्वयंभू बुद्धिमान केजरीवाल जी को बताना चाहता हूँ कि चुनाव में हार जीत का इस मामले से कोई सम्बन्ध ना ही रखे तो बेहत्तर रहेगा। अगर ईमानदारी के मान की गणना चुनावी हार जीत से ही होने लगे तो आप साहेब, श्री जेटली जी से बहुत ही कम मान रखते हैं।
केजरीवाल जी आप भी शायद भूल रहे हैं कि " जिनके घर शीशे के होते हैं वो दूसरे के घरो पर पत्थर नहीं मारा करते "
अगर जेटली जी चुनाव हारे तो आपकी हार कहीँ ज्यादा बड़ी थी। जेटली जी 102770 वोटो से हारे और उन्हें 380106 वोट (37.78%) मिले जबकि आप को वाराणसी में सिर्फ 209238 (20.30%) वोट मिले तो आप की हार का अंतर इस से कहीं ज्यादा 371784 वोट का रहा।
तो आप का मान तो जेटली जी की तुलना में बहुत ही कम हुआ ना।
तो क्या अब ये माना जाये कि आप ये मुकदमा हार चुके हैं ?
#देबू_काका
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