मोदी जी बोले " स्टार्ट अप इण्डिया " तो राष्ट्रपति जी ने की तारीफ


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी आज अपना एक और बड़ा सपना पूरा करने जा रहे हैं. इस सपने का नाम है स्टार्ट अप इंडिया. मोदी युवाओं से अपील करते रहे हैं कि नए आइडिया के साथ आप ऐसे काम की शुरुआत करें जो आपको भी आगे बढ़ाए और देश को भी. आज मोदी सरकार स्टार्ट अप योजना को लेकर अपना एक्शन प्लान पेश करने वाली है तो वहीँ राष्ट्रपति श्री प्रणव मुखर्जी ने भी इस योजना की तारीफ की.

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘स्टार्ट अप’ अभियान की शुरूआत से पहले राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी जी ने कल रात कहा कि भारत इस पर देर से ‘‘जागा’’ है और विलंब के लिए उन्होंने खुद को भी जिम्मेदार बताया और कहा कि वह पहले खुद ही प्रशासन में रहे हैं.

सिलिकन वैली के कुछ सीईओ के प्रतिनिधिमंडल से बात करते हुए मुखर्जी ने कहा कि भारत को अगले दस से 15 वर्ष में दस फीसदी की दर से विकास करने की जरूरत है ताकि गरीबी और स्वास्थ्य सुविधाओं जैसे मुद्दे का समाधान किया जा सके.

‘स्टार्ट अप’ अभियान का जिक्र करते हुए उन्होंने सीईओ के प्रतिनिधिमंडल से कहा, ‘‘आपमें से कुछ ने सही कहा है कि वे (नए उद्यमी) आत्मविश्वास महसूस करते हैं, वे इसे करना चाहते हैं. यह सरकार का काम है कि उद्यमिता बढ़ाने के लिए माहौल तैयार करे. हमने काफी समय लिया है लेकिन हमने यह निर्णय किया है. हम जाग गए हैं.’’ ‘स्टार्ट अप’ अभियान का मकसद निचले स्तर पर उद्यमिता को बढ़ावा देना है.

छोटे उद्यमियों के लिए माहौल तैयार करने में हो रहे विलंब पर मुखर्जी ने कहा, ‘‘मैं किसी को जिम्मेदार नहीं ठहरा सकता. मुझे जिम्मेदारी लेनी पड़ेगी क्योंकि मैं काफी समय तक प्रशासन में रहा.’’ वह पूर्ववर्ती संप्रग सरकार में वित्त मंत्री रहे थे.




क्या वाकई घर से छिपकली और कॉकरोच भगाने के लिए एक टीम घर आएगी बिना किसी मारकाट के घर के कीड़े-मकौड़े अपने साथ ले जाएगी. दरअसल बिग रॉक का विज्ञापन है जो आपको 99 रुपए देकर अपनी वेबसाइट रजिस्टर कराने का प्लेटफॉर्म मुहैया कराती है.



यही तो है जो स्टार्ट अप इंडिया की कहानी बताता है. अलग हो नया हो, दूसरे के लिए मिसाल हो, आपको और देश को आगे बढ़ाता हो.

15 अगस्त को प्रधानमंत्री मोदी ने लाल किले से युवा भारत के लिए अपने इस सपने का जिक्र किया था. और ठीक पांच महीने बाद भारत सरकार इस सपने को हकीकत में बदलने जा रही है. आज स्टार्ट अप इडिंया स्टैंड अप इंडिया की औपचारिक शुरुआत हो गई है. योजना की शुरुआत करते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा है कि देश में लाइसेंस राज को खत्म किया जाएगा.



नैसकॉम की साल 2015 की रिपोर्ट के मुताबिक भारत स्टार्टअप के मामले में अमेरिका और ब्रिटेन के बाद दुनिया में तीसरे नंबर पर पहुंच चुका है. स्टार्टअप की रफ्तार कुछ ऐसी है कि साल 2014 में 179 स्टार्टअप में 14500 करोड़ का निवेश हुआ जबकि 2015 में 400 स्टार्टअप में करीब 32 हजार करोड़ का निवेश हुआ है. यानि हर हफ्ते करीब 625 करोड़ रुपए.



सरकार जल्द ये तय करने वाली है कि कौन सी कंपनियां स्टार्ट अप की श्रेणी में आएंगी और कौन सी नहीं. क्योंकि अब तक देश में स्टार्टअप को लेकर कोई परिभाषा तय नहीं है. रिपोर्ट के मुताबिक भारत में हेडक्वार्टर वाली और पिछले पांच साल में बनी कंपनियों को स्टार्ट अप में रखा जा सकता है.



हर कंपनी स्टार्टअप में आना चाहती है इस योजना के तहत एक स्पेशल फंड रखा जाएगा. इस फंड से ऐसी महिलाओं और अनुसूचित जाति को स्टार्टअप के लिए मदद दी जाएगी. इसके लिए 8 हजार करोड़ के फंड को मंजूरी दी गई है.



एसबीआई की रिपोर्ट के मुताबिक भारत में स्टार्टअप की दुनिया की शुरुआत करने वाले की औसत उम्र 28 साल है. दुनिया भर के निवेशकों ये बात सबसे ज्यादा आकर्षित कर रही है. द हिंदू की एक रिपोर्ट के मुताबिक देश में करीब 4200 स्टार्टअप हैं और सरकार नई पॉलिसी के जरिए पांच साल बाद यानी साल 2020 तक देश में 11 हजार से ज्यादा स्टार्टअप तैयार होने की उम्मीद कर रही है.

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